पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज ग्रेटर नोएडा में भारत के प्रमुख ‘दक्षिण एशियाई भूविज्ञान सम्मेलन एवं प्रदर्शनी जियो इंडिया 2024’ का उद्घाटन करते हुए कहा, “ऊर्जा आज आर्थिक वृद्धि और विकास का आधार स्तम्भ बन गई है।” उन्होंने कहा कि भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था में, ऊर्जा की बढ़ती मांग के साथ यह क्षेत्र अत्यधिक महत्व रखता है।
श्री पुरी ने सम्मेलन में ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका और इसकी बढ़ती मांग पर जोर देते हुए कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के अनुरूप ऊर्जा की खपत तेज़ी से बढ़ रही है। उन्होंने सम्मेलन के आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह आयोजन देश और विदेश से अन्वेषण और उत्पादन (ईएंडपी) क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर ऊर्जा गतिशीलता के नए आयामों की खोज करने में मदद करेगा।
भारत में ऊर्जा की बढ़ती मांग
भारत में ईंधन की मांग वैश्विक औसत से तीन गुना बढ़ी है। श्री पुरी ने बताया कि हर दिन 67 मिलियन लोग पेट्रोल पंपों पर जाते हैं। इस बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, अगले दो दशकों में ऊर्जा की खपत में वैश्विक स्तर पर 25 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।
अन्वेषण गतिविधियों में तेजी
भारत के तलछटी बेसिनों में 651.8 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल और 1,138.6 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस के भंडार हैं। हालांकि, अभी तक इन संसाधनों का पूरा उपयोग नहीं हो पाया है। 2014 में सरकार के सत्ता में आने के बाद, भारत के केवल 6 प्रतिशत तलछटी बेसिनों का अन्वेषण किया गया था, जो अब बढ़कर 10 प्रतिशत हो चुका है। सरकार का लक्ष्य 2025 तक इस आंकड़े को 16 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और नीतियाँ
श्री पुरी ने बताया कि वर्तमान सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में कई सुधार किए हैं, जिनमें अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाना और स्व-प्रमाणन के लिए उपलब्ध क्षेत्रों की संख्या बढ़ाना शामिल है। 2024 में तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक की शुरुआत की जाएगी, जिससे नीति स्थिरता सुनिश्चित होगी और विदेशी निवेशकों के लिए वातावरण अनुकूल बनेगा।
हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत का भविष्य
श्री पुरी ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र में भविष्य की प्रगति को लेकर उम्मीद जताते हुए कहा कि हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने प्राकृतिक गैस पाइपलाइनों में हाइड्रोजन मिश्रण और हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए जैव-मार्गों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित परियोजनाओं की बात की।
जीईओ इंडिया 2024: एक महत्वपूर्ण आयोजन
जीईओ इंडिया 2024 में लगभग 2,000 प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है और इसमें 20 से अधिक सम्मेलन सत्र, 4 पूर्ण चर्चाएं, 200 से अधिक तकनीकी शोधपत्र और 50 से अधिक प्रदर्शनी सत्र होंगे। श्री पुरी ने प्रतिभागियों को नवाचार को बढ़ावा देने, स्थिरता को अपनाने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “मुझे भू-वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी विचारों पर पूरा भरोसा है कि वे भारत में ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व करेंगे और भविष्य की चुनौतियों का सामना करेंगे।”